नूतन लाल साहू

बुढ़ापा मत देना भगवान

सत्तर साल का बुढ़ा को
कहते है,बिल्कुल हो बेकाम
आंत भी नकली,दांत भी नकली
आंख में चढ़ गया है चश्मा
देख के ही,दूर भागते हैं
जैसे लगता हूं,सद्दाम
बुढ़ापा मत देना भगवान
छोटे छोटे बच्चे भी चिढ़ाते है
और कहते है,बाबा खटारा
मेरा भीतर ही भीतर, धधके अंगारा
पर तन हो गया है
जैसे पके हुए,रसीला आम
बीयर और व्हिस्की छूट गई
अब लटकी हुई है
ग्लूकोज की बोतल
अब ऐसा लगता है
जैसे हो गया हूं,गुलाम
बुढ़ापा मत देना भगवान
बोरोप्लस और पावडर की जगह
रगड़ रहा हूं, बाम
 बात बात पर, अपनो ने ही
लगाता है इल्जाम
पाल पोस कर,जिसे बड़े किए
वो लड़के भी, आये न काम
बुढ़ापा मत देना भगवान
लोग पुराना टी वी को बदलकर
नया ले आता है
पर हम वो खटारा है
जो अस्पताल जाते है तो नर्सें
रोज अनेको सुई चुभाते है
कुछ ही लोग बुढ़ापा में भी
होते है,खुशनसीब
पर ऐसी बुढ़ापा भी,क्या काम का
जिसके सामने,खड़ा हुआ है यमराज
सीना तान कर
बुढ़ापा मत देना भगवान

नूतन लाल साहू

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