पत्रकारिता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं,
पत्रकारिता दिवस के अवसर पर एक मुक्तक
बनाकर आईना सच को कि हम अखबार लिखते हैं,
सफर में मुश्किलें लाखो मगर मझधार लिखते हैं।
नहीं करते कभी समझौता हम अपने उसूलों से,
अगर हो झूठ तो हम झूठ ही हर बार लिखते हैं।
राजवीर सिंह 'तरंग'
बदायूँ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें