हिन्दी पत्रकारिता दिवस की हार्दिक शुभाकमनएं और बधाई।
हिन्दी शिक्षा है आधार तुम्हारा
कलम बना है हथियार प्यारा,
कांटो में राह बनाते हो
तुम सच्चाई दिखलाते हो।
निर्भय निश्छल हो पथ पर चलकर
सामाजिक दर्दों को सामने लाते हो
कितने उलहनाओं को सुन सहकर
संवेदनाओं को नई दिशा दे जाते हो।
कैसा भी हो संकट सारा
राष्ट्र समर्पण भाव तुम्हारा
लोकतंत्र के चौथेस्तम्भ की
भूमिका का है कर्तव्य तुम्हारा।
बिना डरे कर्म पथ पर चल पड़े
कलम का प्रभाव लिए निकल पड़े
दृढ़ निश्चय संकल्प बिना भय
भाषा की मर्यादा में खड़े रहे अड़े।
कभी दर्द बन कभी अश्रु बन
अन्याय नहीं सह पाते हो
थाम लेखनी निकल पड़े जब
उन्नत वेग से बढ़ते जाते हो।
हिन्दी शिक्षा है आधार तुम्हारा
कलम बना है हथियार प्यारा,
कांटो में राह बनाते हो
तुम सच्चाई दिखलाते हो।
- दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल
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