देवानंद साहा"आनंद अमरपुरी

...........बेगाना भंवरा...........


गुन गुन करता रहता है भंवरा ।
बाग में उड़ता रहता है भंवरा।।


एक फूल से लेकर हर फूल पर;
सदा मंडराता रहता  है भंवरा।।


बाग में सुंदर,सुगंधित फूलों का;
पराग  चूसता  रहता है भंवरा।।


बाग की कलियां देख मुस्काती;
फूल खिलाता रहता है भंवरा।।


फूलों को जब है कोई ले जाता;
बेचैन दिखता रहता  है भंवरा।।


नादान,मेहमान,अंजान,बेजान;
खिताब पाता रहता  है भंवरा।।


इससे हम बहुत सिखते"आनंद"
कर्तव्य निभाता रहता है भंवरा।


- देवानंद साहा"आनंद अमरपुरी"


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