एस के कपूर श्री* *हंस।।।।।।।।।।।बरेली

*विविध हाइकु।।।।।।।।।*


प्यार की बात
प्रगाढ़    बनें   रिश्ते
और जज्बात


प्यासा सावन
प्रेम   बिन   अधूरा
ये   तन   मन


लम्बी जुबान
जैसे तीर कमान
काम तमाम


हवा का रुख
बदलता      रहता
दुःख ओ सुख



थकता   मन
तो समझ लो तुम 
कि थका तन


यह सफर
मन से मन तक
लम्बी डगर



तरफ दारी
नहीं ईमानदारी
हो वफादारी



*रचयिता।एस के कपूर*
*श्री हंस।।बरेली*
मो।   9897071046
         8218685464


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