इन्दु झुनझुनवाला जैन

एक प्रयास पिरामिड के लिए👏


ये
आँखें 
वे आँखे 
रोती आँखे
कहती आँखे
आँखों ही आँखो मे
कुछ समझती -सी
कुछ समझाती आँखे
बिन कुछ कहे ,ना बोले 
 बुन लेती कहानियाँ आँखे।
ये जो तेरी हमारी आँखें है ना,
मन चाहे तो भी, छुपे ना छुपाए,
कह देती है सब,नीली काली आँखे ।


इन्दु झुनझुनवाला जैन


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