निकेश सिंह निक्की समस्तीपुर बिहार

पुलवामा में शहीद हुए मां भारती के वीर सपूतों को मेरी ओर से समर्पित काव्यांजलि ।


  पुलवामा हमला
रक्तो की अभिषेक देख,
धरती अम्बर कांप उठा।
हिन्द सागर की लहरें भी,
क्रोधित हो तिलमिला उठा।


ये कैसी मजबूरी है,
 अपनों से रक्तो की होली है।
तिरंगा से लिपट लिपट कर,
नित दिन उठती डोली है।


चौबालीस वीर सपूतों की,
कुर्बानी आज ललकार रहीं।
पुत्र मोह में शस्त्र त्यागें,
द्रोण को धिक्कार रहीं।


आतंकी आदिल के नेतृत्व में,
जैस ए मुहम्मद की थी चाल।
खुदा नहीं बक्सेगा तुमको,
नापाक दिल ए हैमान।


कहें निकेश नहीं होने देंगे,
शहीदों की शहादत बदनाम।
शरहद पर हम कूच करेंगे,
कर देंगे तुम्हारा काम तमाम।
            निकेश सिंह निक्की समस्तीपुर बिहार 7250087926


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... चुप्पी  के   दिन खुशियों के दिन भीगे सपनों की बूंदों के दिन, आते जाते हैं, दि...