सत्यप्रकाश पाण्डेय

शक्ति और प्रकृति से मिलके
हुआ सृष्टि का श्रृंगार
राधे से कृष्णा कृष्णा से राधे
दो जीवन के आधार


नर नारी दोनों जीवन रथ के
सुन्दर से है दो चक्र
अस्त व्यस्त हो जायें यदि ये
जीवन हो जाये वक्र


एक दूजे के पूरक बनकर ही
करते जीवन का संचार
अर्धनारीश्वर श्री मुरलीधर का
सदा रहे सत्य से प्यार।


अर्धनारीश्वर भगवान आपको जीवन की सारी खुशियां प्रदान करें🙏🙏🙏🙏🙏💐💐💐💐💐


सत्यप्रकाश पाण्डेय


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... चुप्पी  के   दिन खुशियों के दिन भीगे सपनों की बूंदों के दिन, आते जाते हैं, दि...