श्याम कुँवर भारती [राजभर]  कवि ,लेखक ,गीतकार ,समाजसेवी ,

हिंदी गजल- अब सफा कीजिये |
टूटे रिश्तो मे जान बाकी हो अगर ,
प्यार से सींचकर अब सफा कीजिये |
काँच के जैसा होता है दिल का रिस्ता यहा |
टूट न जाये दील अब बचा कीजिये |
लाखो मिल जाएँगे सबको सबकी जवानी मे |
ढल जवानी हमसफर अब ढूंढा कीजिये | 
तेरी दौलत के खातिर है चाहने वाले कई |
करता कौन मोहब्बत अब पता कीजिये |
हुशनों जवानी के है सब भूखे यहा |
जल जाये जवानी जुल्मो न खता कीजिए |
दिल की बात दिल मे न रखिए जनाब |
गर हो शिकायत कोई अब रफा कीजिये |
मिल गया जो दिल का रिश्ता उसे कबुल करो |
गर हो गई भूल कोई अब दफा कीजिये |
टूटे रिश्तो मे जान बाकी हो अगर ,
प्यार से सींचकर अब सफा कीजिये |


श्याम कुँवर भारती [राजभर]
 कवि ,लेखक ,गीतकार ,समाजसेवी ,


 मोब /वाहत्सप्प्स -9955509286


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