एस के कपूर श्री* *हंस।।।।।।।।बरेली

*।यूँ जियो कि कोई भूले न आपको।*
*।।।।।।।।।।।मुक्तक।।।।।।।।*


किसी दिन तुम भी कोई बीता
सा इतिहास बन जायोगे।


भूतकाल की भीड़ में गुम बस
बेहिसाब    बन   जायोगे।।


यदि जियोगे  जीवन  सहयोग
और    सद्भावना     से ।


बन जायोगे   सबके  प्रिय तुम
और  खास बन जायोगे।।


*रचयिता।।।।।एस के कपूर श्री*
*हंस।।।।।।।।बरेली।।।।।।।।।।*
मोब 9897071046  ।।।।।।।
8218685464   ।।।।।।।।।।।


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... चुप्पी  के   दिन खुशियों के दिन भीगे सपनों की बूंदों के दिन, आते जाते हैं, दि...