🌹मेरे घर
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मेरे आंगन
की बगिया में
गेंदा,गुलाब कई प्रजातियों के
फूल है।
खाद-पानी से नहीं
मेरे प्यार से खिलते हैं
मुझे अक्सर हंसाते हैं
यही कारण है कि
मै हमेशा बगिया को
सुंदर बनाने की कोशिश
करता रहता हूं।
ताकि मेरे
बगिया की खुशबू
चारों ओर फैले
और सभी के घरों में हो
प्यार स्नेह और आनंद का
वातावरण।
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कालिका प्रसाद सेमवाल रूद्रप्रयाग
"काव्य रंगोली परिवार से देश-विदेश के कलमकार जुड़े हुए हैं जो अपनी स्वयं की लिखी हुई रचनाओं में कविता/कहानी/दोहा/छन्द आदि को व्हाट्स ऐप और अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से प्रकाशन हेतु प्रेषित करते हैं। उन कलमकारों के द्वारा भेजी गयी रचनाएं काव्य रंगोली के पोर्टल/वेब पेज पर प्रकाशित की जाती हैं उससे सम्बन्धित किसी भी प्रकार का कोई विवाद होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उस कलमकार की होगी। जिससे काव्य रंगोली परिवार/एडमिन का किसी भी प्रकार से कोई लेना-देना नहीं है न कभी होगा।" सादर धन्यवाद।
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