कवि संदीप कुमार विश्नोई

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं बहुत बहुत बधाई


जय माँ शारदे
नमन मंच


विषय नारी


विधाता छंद


 कभी जननी कभी तनुजा कभी पत्नी कहाती है , 
लुटाकर सब तुम्हारे पर वही आँसू बहाती है। 
छुपाकर कष्ट वो खुद के तुम्हें हरपल हँसाती है ,
वही राजा बनाती है वही ईश्वर बनाती है। 


कवि संदीप कुमार विश्नोई


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