डॉ०रामबली मिश्र हरिहरपुरी

"आध्यात्मिक दोहे"


मन के कलुषित भाव का, सदा करो प्रतिकार।
सुन्दर भाव विचार भर, कर मन का उद्धार।।


मैले मन को साफ कर, देख सदा सियराम।
योगशास्त्र के नियम से,मन पाये विश्राम।।


सीताराम चरण रज, धरकर अपने शीश।
भजन करो गुणगान कर, लेते रह आशीष।।


सुन्दर शिव सत्कर्म से, खुश होते सियराम।।
निष्कामी सियराम से, मिलत अयोधया धाम।।


अवधपुरी अन्तःपुरी हरिहरपुरी महान।
यही क्षेत्र सियराममय,पावन रम्य जहान।।


एक जगह पर बैठकर, करो राम का ध्यान।
तपोभूमि इस अवध में,जन्मेंगे भगवान।।


सात्विकता की ओढ़कर, चादर चलो सुपंथ।
सन्तों के इस पंथ पर, चल लिख पावन ग्रन्थ।।


पावन अमृत भाव से , रच सुन्दर संसार।
आयेंगे श्री राम जी, निश्चित ले अवतार।।


नहीं अवध से राम हैं, राम अयोध्या देश।
राम नाम गुरु मंत्र जप,देखो अवध नरेश।।


राम धर्म दर्शन वही, ज्ञानामृतमय खान।
विश्व विजेता राम प्रिय,सम्मोहक भगवान।।


रचनाकार:डॉ०रामबली मिश्र हरिहरपुरी
9838453801


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