संजय जैन (मुम्बई)

बहिना तुम्हें नमन*
विधा : गीत भजन
(तर्ज: तेरे नाम तेरे नाम....)


तेरे नाम परिवार की शान,
बहिना तुझ पर है अभिमान।
ओहो ओहो तुम पर, 
हम को है अभिमान।
प्यार बहुत करते है तुझसे,
माता पिता और भाई बहिन।
ओहो माता पिता और भाई बहिन।।


हर पल हर दिन,
तेरी याद आती है।
धर्मकर्म वाली तेरी बाते,
हम सब को भाती है।
जैन धर्म से नाता 
तेरा पूर्वभव का है।
मेरी लाड़ो तुम पर 
सबका आशीष है।
तभी तो तभी तो 
बेटी धर्म ध्यान इतना,
हर्ष उल्लास के साथ करती हो।
ओहो ओहो हर्ष और, 
उल्लास से करती हो।।


तेरी धर्म की अनुमोदना,
संजय भी करता है।
तुमको हाथों में लेकर,
सब जन चलते है।
ज्ञान ध्यान साधना तेरी,
हम सब को दिखाती है।
तेरे ही कारण हम को,
अब ख्याति मिल रही है।
तू ही अब तू ही अब,
पूरे परिवार की जान है।
ओहो ओहो परिवारकी शान है।।


तेरे नाम परिवार की शान,
बहिना तुझ पर है अभिमान।
ओहो ओहो तुम हमको अभिमान।
प्यार बहुत करते है तुझसे
माता पिता और भाई बहिन।
माता पिता और भाई बहिन।।


जय जिनेन्द्र देव की
संजय जैन (मुम्बई)
23/04/2020


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