कालिका प्रसाद सेमवाल

*प्यार जीवन की धरोहर है*


*******************


प्यार जीवन का सार है


इसकी अनुभूति


किसी योग साधना


से कम नहीं है,


इसके रूप अनेक हैं


लेकिन


नाम एक है प्यार।


 


प्यार रिश्तों की धरोहर है


और इस धरोहर


को बनाये रखना


हमारी संस्कृति


और जीवन का सार है,


यह मानवता का अंश है


इसी से जीवन में


आनन्द की अनुभूति होती है


यह अनमोल है।


 


प्यार जीवन की धरोहर है


निर्झर झरनों की तरह


हमारे दिलों में


बहता रहे,


एक दूसरे के निकट लाता है


यही जीवन की


सच्ची धरोहर है। 


 


जिस प्रभु की कृपा से 


हमें यह जीवन मिला है,


उस परम पिता परमात्मा


को हमेशा प्यार से


सुमिरन करें,


जिसने हमें 


जीवन दिया है,


इस धरा धाम 


पर हमें प्यार से लाया है।


 


प्यार सब प्राणियों से करे


उन बेसहारा


बच्चों से करें


जो अभाव में अपना 


जीवन यापन कर रहे है,


उन नन्हे-नन्हे बच्चों से भी


प्यार करो


जो कुपोषण के शिकार हैं


और जो अनाथ है।


 


आओ कुछ अच्छा करें


हम सब संकल्प लें,


हम सभी के प्रति


प्यार का भाव रखेंगे


किसी के प्रति


बुरे विचार गलत दृष्टि


नहीं रखेंगे,


तभी यह जीवन सफल हो सकता है।


*************************


कालिका प्रसाद सेमवाल


           प्रवक्ता


जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान रतूड़ा


 रूद्रप्रयाग उत्तराखंड


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...