छाई हरियाली
वर्षा की ऋतु परम मनोहर आई है आली
सर्वत्र फैली है मखमली सुंदर हरियाली
मन में भरे उमंग सकल जीवन में रस् भर जाए
देखें जब मन हरियाली तो झूम -झूम कर गाये
हरा रंग खुशहाली लाए हर मन हर्षाये
नव पल्लव नव वल्लरियों से हर वृक्ष भर जाए
पर्वत, मैदान, घर, आंगन, वन, उपवन सारे
जाये जहाँ तक नजर वहाँ तक लगते सब प्यारे
प्रकृति के हर रंग के साथ हरा रंग मिल जाए
लगे सुहाना मन को अति प्रिय जुगलबंदी बड़ी सुहाय
डॉ निर्मला शर्मा
दौसा राजस्थान
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