नूतन लाल साहू

दोस्ती परिवार से कर लो


तेरा घर मंदिर,बन जायेगा


मातु पिता,गुरुजन की सेवा


जगत में जीवन है,दिन चार


दुःख में सुख में,हर पल बंदे


परिवार ही तेरा काम आयेगा


दोस्ती परिवार से कर लो


तेरा घर मंदिर बन जायेगा


बड़ी कठिनाई से यह नरतन,पाया है


मेरी मेरी कहकर,उम्र गुजार रहा है


मुठ्ठी बांधकर आया है,हाथ पसारे जायेगा


मीठे वचन बोल सबसे, अति सुख तू पायेगा


दोस्ती परिवार से कर लो


तेरा घर मंदिर बन जायेगा


झगड़ा कभी न किजिये,सब सन राखिये प्रीति


निंदक नियरे राखिये,आंगन कुटी छवाय


झगड़ा से घर उजड़त है,सत्य वचन इसे जान


जो नर दूसरो का आदर करे,उसका होता है कल्याण


दोस्ती परिवार से कर लो


तेरा घर मंदिर बन जायेगा


सुख के साथी अनेकोनेक है


वक्त पड़ा तब कोई नहीं है


धर्म कर्म कुछ कर ले


आखिर में तुम्हारा कोई नहीं है


पर पीड़ा सा पाप कोई नहीं है


परहित से ही पुण्य मिलेगा


नाता भला क्या है,जग से हमारा


दोस्ती ही बनेगा तेरा सहारा


दोस्ती परिवार से कर लो


तेरा घर मंदिर बन जायेगा


याद करो प्रभु श्री कृष्ण और सुदामा की दोस्ती


अनेकोनेक कष्ट भोगा,सुदामा का परिवार


पर धर्म न खोया,प्रभु की भक्ति को बनाया सहारा


रंक से राजा बना,अमर हो गई वो गाथा


दोस्ती परिवार से कर लो


तेरा घर मंदिर बन जायेगा। 


 


नूतन लाल साहू


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