राजेंद्र रायपुरी

🧍🏽‍♀️🧍🏽‍♀️**** बेटी **** 🧍🏽‍♀️🧍🏽‍♀️


 


बेटी आॅ॑गन की महक,


                      बेटी से घर- बार।


सृष्टि सृजन वो ही करे, 


                    कोख नहीं दो मार।


कोख नहीं दो मार,


                  वही तो है फुलवारी।


महकाए दो द्वार,


                 जानती दुनिया सारी।


उसको रखो सम्हाल, 


                मानकर धन की पेटी।


देखन दो संसार, 


              न मारो कोखन बेटी।


 


            ।। राजेंद्र रायपुरी।।


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