सत्यप्रकाश पाण्डेय

मेरी जीवन डोर है कृष्णा हाथों में तेरे


तेरी ही कृपा से है मेरे जीवन में सवेरे


दुःख सुख लिख दिये मेरी किश्मत में


हैं पूर्व जन्मों के संस्कार व प्रारब्ध मेरे


 


नहीं कोई गिला नहीं है कोई शिकवा


हस करके जीवन जीऊँगा मेरे स्वामी


चाहूंगा तेरे चरणकमलों की मैं भक्ति


अनुग्रह बनाये रखना तुम अंतर्यामी।


 


श्री गोविन्दाय नमो नमः


 


सत्यप्रकाश पाण्डेय


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