सत्यप्रकाश पाण्डेय

श्री गोविन्द राधे सरकार..


 


जन्म जन्मांतर के पाप कटे


युगलरूप के दर्शन पाये


धन्य हुआ मेरा यह जीवन


देख देखके नयना हर्षाये


 


अदभुत छवि हृदय में बसी


नयनाभिराम शोभा प्यारी


मोर मुकुट पीताम्बर शोभित


संग सोहें बृषभानु दुलारी


 


अच्युत अनन्त अनादि ब्रह्म


बृज ठकुराइन के भरतार


सत्य हृदय में बसो निरन्तर


श्री गोविन्द राधे सरकार।


 


युगलरूपाय नमो नमः


सत्यप्रकाश पाण्डेय


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... चुप्पी  के   दिन खुशियों के दिन भीगे सपनों की बूंदों के दिन, आते जाते हैं, दि...