विनय साग़र जायसवाल 

काम कर गर ये मेरा हुनर जायेगा


मेरा फूटा मुक़द्दर संवर जायेगा 


 


रूठ कर मेरे पहलू से जाओ न तुम


ख़्वाब देखा हुआ सब बिखर जायेगा 


 


लाल जोड़ा न पहनो हमारी क़सम


दिल का आलम यहीं पर ठहर जायेगा


 


इस कदर हो गया दिल पे तेरा असर


तू जिधर जायेगा दिल उधर जायेगा


 


 जिसके वादे पे ख़ुद से था बढ़ कर यक़ी 


क्या पता था वो इक दम मुकर जायेगा


 


आ गया हूँ बुलंदी पे तन्हा ही मैं 


देखते ही वो चेहरा उतर जायेगा 


 


इतनी बेहतर ग़ज़ल तुमने साग़र पढ़ी


सारी दुनिया पे इसका असर जायेगा 


 


🖋️विनय साग़र जायसवाल 


बरेली


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