डॉ. रामबली मिश्र हरिहरपुरी

*प्राण*


 


1-हाय, मेरे प्राण प्रिय आधार बन।


 


2-सत्य बनकर जीव का कल्याण कर।


 


3-प्रेम में पग कर सतत उद्धार कर।


 


4-जिंदगी मझधार में , उद्धार कर।


 


5-रो रहे मन से मधुर संवाद कर।


 


6-मुस्कराते गीत देवी गान कर।


 


7-अतिथि देवों को बुला सम्मान कर।


 


8-देवियों में शैल पुत्री को भजो।


 


9-व्रत रहो संकल्प का सम्मान कर।


 


10-दीन-दुःखियों को बुला कर दान कर।


 


11-प्रेम की बगिया बना कर रमण कर।


 


12-धर्म मानव रच सदा एहसान कर।


 


13-बन विनायक घूम अपनी परिधि पर।


 


14-मान को अपमान को इक सा समझ।


 


15-ज्ञान बाँटो दान में लिखकर सदा।


 


रचनाकार:डॉ. रामबली मिश्र हरिहरपुरी


9838453801


 


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