संदीप विश्नोई पंजाब

जय माँ शारदे


जय माता दी नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ


 


मत्तगयंद सवैया


 


कुंकुम , केसर , चंदन , स्वास्तिक , द्वार सजा शुचि अम्ब पधारो। 


 


आज लगी नवरात्रि सुपावन , कष्ट मिटाकर अम्ब उबारो। 


 


रुद्र खड़ा दर भेंट लिए कर , माँ निज नैन सदैव निहारो। 


 


दर्शन दो चढ़ सिंह हमें अब , माँ भवसागर पार उतारो। 


 


संदीप कुमार विश्नोई रुद्र


दुतारांवाली अबोहर पंजाब


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... चुप्पी  के   दिन खुशियों के दिन भीगे सपनों की बूंदों के दिन, आते जाते हैं, दि...