करवा चौथ कर्क चतुर्थी पर रचना 04-11-2020


करवा चौथ


पति स्वस्थ चिरायु रहे अतः भूखी प्यासी रहती नारी।


कार्तिक की बदी चतुर्थी को गणपति पूजन करती नारी।।


पति पीड़ित हो बीमार भले निर्धन हो दीन हीन कितना,


पति पर सर्वस्व लुटा देती बलिहारी भारत की नारी।।


 


 


 


कार्तिक बदी चतुर्थी करवा क पर्व आया।


अर्धांगिनी ने मेरी पानी पिया न खाया।


पति की सलामती को करती कठिन तपस्या,


नारी महान है ये बेदो ने भी बताया।


 


चपला हो चंचला हो शादी के बाद नारी।


शादी के बाद सादी हो जाती है कुआंरी।


पुरुषों की क्या बताये होती अजब कहानी।


पत्नी के साथ खोये बातें लिए पुरानी।


 


पत्नी में खोजते है वह जीन्स वाली प्रीती।


कैसा दिमाग शातिर यह आदमी की रीती।


पत्नी बहन हैं माता परिवार की सृजेता।


हम जीत करके हारे वह हर कदम विजेता।


 


पश्चिम की सभ्यता को घर मे नही बसाना।


पूरी न मिल सके तो आधे ही पेट खाना।


पत्नी सुलक्षणा हो काली कुटिल कुरूपा।


एकल पतिव्रता पर बलिहार लाख रुपा।।


 


संकष्ट गणेश चतुर्थी करवा चौथ पर समस्त भारतीय नारियां अखण्ड सौभाग्यवती हो।यही प्रार्थना है भगवान गजानन से~


 


जिनने व्रत करवा चौथ रखा,जीवन भर मांगे लाल रहे।


झुर्री बिहीन हो गाल सुर्ख, घुटनो तँक लम्बे बाल रहे।


जीवन में हर सुख सुविधा हो,पति की भी आयु लंबी हो


हर नारी को मातृत्व मिले,सबकी गोदी में लाल रहे।।


================== प्रियतम की लम्बी उमर हेतु,अति भूख,प्यास सहती नारी| 


चन्द्रोदय दर्शन पूजनकार, सौभाग्य शालिनी हो नारी ||


तपसी शालीन न तुम जैसा, सबला,सफला हो कर्मठ हो | 


दिख रही धर्मता धीरज की प्रति मूर्ति बनी प्रमुदित नारी||


                                                                      -आशुकवि नीरज अवस्थी 9919256950


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