दयानन्द त्रिपाठी दया

 आओ_दिसम्बर_25_को_तुलसी_पूजन_दिवस_मनायें...


तुलसी इस धरा का है वरदान,

धनुर्मास के बीच में करे लें इनका ध्यान।

मानव मात्र के लिए है अमृत समान,

भगवत्प्रीतिर्थ कर्म विशेष है इनका सम्मान।।


जो नर दर्शन तुलसी का करें,

हो   सारे   पापों   का   नाश।

जल    सिंचित   मानव   करे,

यमराज   ने    आयें    पास।।


अनुसंधानों   में   सिद्ध   हुई   है,

एंटी आक्सीडेंट  गुणधर्म  भरे हैं।

रोगों जहरीले द्रव्यों के विकारों से,

स्वस्थ  करने की  रसायन धरे है।।


जिस घर में  तुलसी  करती बास,

यमदूतों  का  नहीं  वहां  निवास।

पूजा में बासी फूल जल हैं वर्जित,

तुलसीदल-गंगाजल हैं परिगृहीत।।


मृत्यु    सम्मुख    हो    खड़ी,

तुलसी  का  करायें  जलपान।

पापों    से   झट   मुक्त   करे,

विष्णुलोक  में  मिले  स्थान।।


   दयानन्द_त्रिपाठी_दया

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