नूतन लाल साहू

विशेष निवेदन
हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर

सदा रहो अलमस्त श्री राम जी की
धुन में हो जा मतवाला
मस्त हुए हनुमान जी को देखो
उर में राम दिखा डाला
जग में सुंदर है दो नाम
चाहे कृष्ण कहो या राम
दोनों ही दीन के दुःख हरता है
दोनों ही है बल के धाम
दोनो है घट घट के वासी
दोनों ही है,आनंद प्रकासी
प्रभु श्री राम और कृष्ण के दिव्य भजन से
मिलता है विश्राम
जग में सुंदर है दो नाम
चाहे कृष्ण कहो या राम
क्षण भंगुर है,जीवन की कलिका
कल प्रातः न जाने
खिली या ना खिली
सब दोस्त है,अपने मतलब के
दुनिया में किसी का कोई नही है
डरते रहो कि,यह जिंदगी
कहीं बेकार ना हो जाये
जो ध्यावै फल पावै
दुःख विनसै मन का
भक्त जनों के संकट
क्षण में दूर करें
सदा रहो अलमस्त श्री राम जी की
धुन में हो जा मतवाला
मस्त हुए हनुमान जी को देखो
उर में राम दिखा डाला
करो हरी जी का भजन प्यारे
जैसे हनुमान जी ने किया था
तीन लोक चौदह भुवन में
हनुमान जी को याद कर रहे है

नूतन लाल साहू

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