नूतन लाल साहू

मौसम आते जाते है

आत्मविश्वास को न डिगा
निरंतर बढ़ते ही जा
तू अपने लक्ष्य पथ पर
मौसम तो आते जाते है
भयभीत न हो मुश्किलों से
मुश्किलें किसके जीवन में
कभी न कभी, नहीं आया है
विश्व तो उस पर भी,हंसेगा
जो मुश्किलों से घबराता है
निरंतर बढ़ते ही जा
तू अपने लक्ष्य पथ पर
मौसम तो आते जाते है
तेरी यौवन का,तेरी जीवन का
अंत तो निश्चित है
मृत्यु पथ पर भी तुम
मोद से गुनगुनाता चल
सिर्फ अपनी,धैर्य न खो
मौसम तो आते जाते है
अवहेलना से न डर
आत्मविश्वास के आगे,अपशकुन क्या
कर्म कर,कर्म फल अवश्य ही मिलेगा
मौसम तो आते जाते है
कर लें,अटल संकल्प
कर,अथक संघर्ष
शक्तियां अपनी न जांची
दोष दुनिया का नहीं है
यदि कहीं है तो,दोष मन में है
स्वर्णिम स्वप्न के लिए
जोश अपने मन में भर लें
निरंतर बढ़ते ही जा
तू अपने लक्ष्य पथ पर
मौसम तो आते जाते है

नूतन लाल साहू

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