शीर्षक -युग बदल जायेगा
सपने खूबसूरत सच
तमस जीवन पथ का
छँट जायेगा चहुँ ओर
सूरज का दिन
चाँद की चाँदनी का
बसेरा हो जाएगा।।
निराशा में आशा उमंग
कल्पना नही परछाई सा
संग तुम अगर मील गए जीवन से उद्देश्यों का विश्वास मील जाएगा।।
कठिन चुनौतियों से भी टकरा
जाएंगे तुम अगर मिल गए पथ विजय वरण करते जाएंगे।।
आग आँगर शुलों से भरे पथ में
वर्तमान के प्रकाश पल प्रहर में
आस्था का नया आयाम बता देंगे
शुलों को फूलों में बदलते जाएंगे।।
इच्छा परीक्षा की सीमाए
कर देंगे ध्वस्त तुम अगर मील गए
हर शत्रु को कर देंगे पस्त घृणा
द्वेष दंभ की दीवार गिरा देंगे
परस्पर प्रेम की दुनियां बनाएंगे।।
नए प्रभा प्रभात का नव गीत
गाएंगे विखरे हुये युग को प्रेम
संस्कृति संस्कार की काया माया से
मिलाएंगे।।
काल समय तेरे मेरे मिलन
बिरह बेदना उत्साह का
नव राग रंग तरंग का प्रसंग
युग समाज को बतलाता जाएगा।।
तुम अगर मिल गए युग उत्सव की
परिभाषा परिणाम का पुराष्कार
मिल जाएगा।।
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश
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