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🙏किया मेरे मन को भाव विभोर🙏
1
जीवन-रूपी इस नैया को,पार लगाना है,
समझ सबके आ गई,ईश्वर ही है सिरमोर।
कोरोना को हराने में जो कर रहे मुकाबला,
उन वीरों ने किया मेरे मन को भाव विभोर।।
2
पग-पग पर खतरा,जान नहीं पाया कोई,
अपने घरों में ही रहो,मंच गया भारी शोर।
कर्पयु क्षेत्र में बिना परवाह के दे रहे सेवा,
उन वीरों ने किया मेरे मन को भाव विभोर।।
3
दान वीरों ने अपना-अपना धर्म निभाया,
कोई नहीं रहे भूखा,इस पर ही दिया जोर।
घर परिवार छोड़,लगे जो जान बचाने में,
उन वीरों ने किया मेरे मन को भाव विभोर।।
4
ऋषि परम्परा अपनाने पर देना होगा ध्यान,
शुद्ध खान-पान से ही फैलेगी,खुशी चहुं ओर।
आन-बान-शान की रक्षा में लगे जो सेनानी,
उन वीरों ने किया मेरे मन को भाव विभोर।।
5
कर जोड़ निवेदन 'राजस्थानी' सबसे करता,
आशा बनाये रखो प्यारे,आयेगी सुखद भोर।
सेवा की अखंड ज्योति जलाई जिसने भी,
उन वीरों ने किया मेरे मन को भाव विभोर।।
©®
रामबाबू शर्मा, राजस्थानी,दौसा(राज.)
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