नंदलाल मणि त्रिपाठी पीतांम्बर

डॉक्टर डे विशेष---
शीर्षक-डॉक्टर भगवान--

ईश्वर घट घट में रहता 
हर मानव ईश्वर का प्रतिनिधि
कर्मो से देव दानव कहलाता।।
प्राणि ही प्राणि का भक्ष्क
प्राणि ही प्राणि का रक्षक
प्राणि प्राण का आत्म भाव
ईश्वर अंश कहलाता।।
बैद्य सुखेन ईश्वर स्वयं
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान
राम को शोक से मुक्त कराता।।
मंथन हुआ समुन्द्र का महिमा
महत्व नौ रत्नों की स्वास्थ देवता
धन्वंतरि  बतलाता।।
स्वास्थ ही धन संपदा स्वस्थ 
प्राणि प्राण ही सम्पन्न महान
स्वास्थ के रक्षक श्वेत शांति
परिधान डॉक्टर कहलाता।।
वैद्य डॉक्टर मानव मानवता के
भगवान बीमारी से लड़ते
प्राणि की आशा विश्वाश।।
जीवन के कठिन दौर दर्द
एकाकी पन में आशा का
सांचार।।
जाने कितने अवसर आतें
डॉक्टर वैद्य भगवान साक्षात
 युद्ध का मैदान देश रक्षा में लड़ते जवान डॉक्टर बैद्य घायल जवान की रक्षा में स्वयं जीवन का लगा देते दांव।।
जब जब राष्ट्र पर आपदा विभीषिका
कहर का घूमता काल वैद्य डॉक्टर
आगे आते जैसे लडते सीमा पर
राष्ट्र गौरव गरिमा के जवान।।
संक्रमण संक्रामक काल वैद्य
डॉक्टर जन जन के कवच ढाल
स्वय जीवन को कर्तव्य बलि बेदी
पर न्यवछावर कर निःस्वार्थ।।
जाने कितने ही इतिहास वैद्य डॉक्टर
के नाम  आज वर्तमान।।
कोरोना संक्रमण में घर मे कैद
हो गया  मानव जाने कितने
डॉक्टर वैद्य ने एक एक प्राण 
बचाने को आहुति दे दिए अपने
प्राण।।
मानव तुम मानवता के 
अभिमान कोरोना संक्रमण
काल में हुये शहीद डॉक्टर वैद्य
को कृतज्ञ राष्ट्र भारत के जन जन
की श्रद्धा की अंजली का नमन
प्रणाम।।
शांति काल या युद्ध का मैदान
संक्रमण काल कहर दहसत हो
चाहे भीषणं विभीषिका चाहे
हो जो भी समय काल ,काल से लड़ते
डॉक्टर मानवता के भाग्य भगवान।।
उत्तर दखिण युग का चाहे कोई कोना
सीमा हो दायित्व कर्तव्य बोध मर मिटते डॉक्टर वैद्य युग की महिमा
गरिमा गौरव गान।।
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीतांम्बर गोरखपुर उतर प्रदेश

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