.
*हाइकु*
पर्यावरण
बढ़ता प्रदूषण
जतन करे ।
🌱🌱🌱🌱🌱
धरती सूखी
ढूँढते हरियाली
अब न चैन ।
🌴🌴🌴🌴🌴
पेड़ न काटे
दाता यह सर्वस्व
समझें बात ।
🌳🌳🌳🌳🌳
अब की वर्षा
हो चहुँ ओर नीर
भरे तालाब ।
🌧️🌧️🌧️🌧️🌧️
मन भावन
श्रावण के हो झूलें
वृषा की बूंदें ।
💧💧💦💧💧
प्रकृति नाचें
मन मयूर बन
आसमां चूमें ।
🦚🦚🦚🦚🦚
पौधारोपण
बहुत जरूरत
जीवन साथी ।
🌲🌲🌲🌲🌲
अपनापन
खिले खुशी के फूल
कर दिखाओ ।
🌷🌷🌷🌷🌷
🌺🌺🌺🌺🌺
शुभ कर्मों से
संस्कृति की रक्षा में
कदम बढ़े ।
🌾🌾🌾🌾🌾
🕉🕉🕉🕉🕉
©®
रामबाबू शर्मा, राजस्थानी,दौसा(राज.)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें