नूतन लाल साहू

मेरा परिचय

मिट्टी का तन,मस्ती का मन
मेरे पथ में है कांटे ही कांटे
आसान नही लगता है मुझे
फूलों की दुनिया को पाना
क्षण भर का है मेरा जीवन
है यह मेरा परिचय
यह दुनिया है बहुत निराली
जहां योगी भी ढग जाते है
गुरु ज्ञानी धोखा खाते है
आसान नही लगता
सपने को सच करना
अब तक महसूस ही नही हुआ
मेरे हृदय में शांति व्यापक
क्षण भर का है मेरा जीवन
है यह मेरा परिचय
बहुत मिलता है मुझे
मेरे पथ में कांटे बोने वाले
पर दिल हल्का करने के वास्ते
कुछ कह लेता हूं,कुछ लिख लेता हूं
मुझे कोई गिला शिकवा नहीं है
क्योंकि वे मेरे आत्मविश्वास को
हर पल जगाता है
काल रात्रि के अंधकार में
रास्ता वही सुझाता है
संघर्ष का और
निरंतर संघर्ष का
मिट्टी का तन,मस्ती का मन
मेरे पथ में है कांटे ही कांटे
आसान नहीं लगता है मुझे
फूलों की दुनिया को पाना
क्षण भर का है मेरा जीवन
है यह मेरा परिचय

नूतन लाल साहू

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